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अगर हम बात करें आर्थिक विजय पाने की तो चीन ये बहुत पहले ही कर चुका है उसने धीरे धीरे पूरी दुनिया पर आर्थिक
विजय
प्राप्त कर लिया है । ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि चीन ने सारी दुनिया को धोखा दिया और ये इकोनोमिकल वॉर जीत लिया
|
लेकिन ये उसने ऐसे ही नही पायी उसने इसके लिए साम दाम दंड भेद सारे तरीक़े अपनाये
और जब ये तरीक़े से उसे मन मुताबिक़ लाभ नही हुआ तो उसने अपनी लैब में एक ऐसा वायरस बनाया जिसने पूरी दुनिया में
तबाही मचा रखी है |
लेकिन वायरस बनाने के साथ ही साथ उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनायी और उसने उस वैक्सीन को बहुत ही सुरक्षित
रखा
लिया, और उस वैक्सीन को तब तक छुपा के रखा जब तक की पुरे विश्व की अर्थव्यवस्था को गिरा नहीं दिया |
पुरे दुनिया के इन्वेस्टर्स का झुकाव चीन की तरफ था ये सब जानते हैं लेकिन फिर चीन को ये डर था की उसकी विश्व की
सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का सपना कहीं चूर चूर न हो जाये तभी उसने वुहाँन शहर में एक प्रयोग किया और कोरोना वायरस
को
बनाया और फिर उसने उसी कोरोना वायरस को अपने ही शहर में छोड़ दिया ( अब छोड़ दिया या गलती से लीक हो गया ये तो
सिर्फ
चीन ही बता सकता है ) और वुहाँन में मौतों के डर से जब इन्वेस्टर्स भागने लगे तो चीन ने बड़ी ही चालाकी से
इन्वेस्टर्स
के शेयर्स को बहुत ही सस्ते दामों में खरीद लिया |
फिर चीन ने अपनी चाल चली और अपने पहले से रची गयी चाल को आगे बढ़ाया और अपनी वैक्सीन को बाहर निकाला और अचानक से
ही
चीन
में हो रही मौतों को चुटकी में रोक दिया।
क्या ये सोचने पर मज़बूर नहीं करती है ? की जो देश पहले से ही इस कोरोना की वजह से प्रभावित था वो आज एकदम से
संभल
कैसे गया ?
चीन ने इस बायोलॉजिकल युद्ध में कुछ लोग खोये तो जरूर लेकिन उसने पुरे विश्व की दौलत उनके शेयर्स लूट लिए और
अपने
ख़ज़ाने भर लिए |
अभी जब आप आगे पढ़ेंगे तो आपको इस बात का भी सबूत मिल जायेगा की ये वायरस चीन ने ही बनाया है
अब चीन में न ही कोई मौत होती है और न ही कोई इन्फेक्टेड मरीज की संख्या में कोई वृद्धि होती है | आज इस
वायरस ने
पूरी दुनिया में अपना आतंक मचा रखा है | पुरे विश्व को अपनी खौफ के जरिये एक जगह पर रोक रखा है न कोई कहीं
से आ
सकता हैं और न कोई कहीं जा सकता है
आज ऐसा समय आ गया है जब पूरा विश्व अपनी अर्थव्यवस्था को जमीं पर गिरते देख रहा है और कुछ नहीं कर पा रहा
है|
लेकिन ऐसा क्या कारण है की मार्च 2020 से ही चीन की अर्थव्यवस्था दिन पर दिन मज़बूत हो रही है|
कोरोना वायरस का ये समय आर्थिक युद्ध जैसा ही है जिसमे चीन एकलौता ऐसा देश है जो पहले ही जीत चुका है और
बाकि के
देश इस वायरस से लड़ते लड़ते रोज अपने लोगो की जान गवां रहे हैं और न जाने कितने लोगो की जान जाएगी ये तो वक़्त
ही
बताएगा |
वुहाँन से शंघाई की दूरी : 840 किमी
वुहाँन से बीजिंग की दूरी : 1152 किमी
वुहाँन से मिलान की दूरी : 15000 किमी
वुहाँन से न्यूयॉर्क की दूरी : 15000 किमी
वुहाँन शहर के पास बीजिंग और शंघाई में कोरोना का कोई प्रभाव नहीं है ऐसा कैसे हो सकता है ?
वहीं इटली यूरोप ईरान अमेरिका में इतने लोगो की मौते और पूरी की पूरी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गयी और
चीन फिर भी इतना सुरक्षित है और मज़बूत है
ऐसा कैसे ?
क्या आपको नहीं लगता की इसमें कुछ तो गड़बड़ है | ये तो ऐसा ही लगता है की आपने साप पाले और पड़ोसी के घर
में बंद कर दिया |
अमेरिका, चीन पर यूँ ही नहीं आरोप लगा रहा है, अमेरिका को ये बहुत अच्छे से मालूम है की चीन ने ही ये वायरस
बनायीं और पूरे विश्व में फैला दिया | अमेरिका टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है, इकोनॉमी में सबसे आगे है यही सब
देख
के चीन ने ये चाल चली क्यों की चीन को पता है की आमने सामने के युद्ध में चीन कभी भी अमेरिका से नहीं जीत
सकता |
और चीन को अमेरिका की गद्दी के लिए ऐसा ही कुछ करना पड़ेगा |
1. शुरुआत के दिनों में चीन ने कोरोना वायरस के बारे विश्व को क्यों नहीं बताया ?
2. कोरोना के सैम्पल क्यों नष्ट कर दिए ?
3. पेशेंट जीरो के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी ?
4. दुनिया के बाकि देशो ने जब कोरोना की सुचना साझा करनी चाही तो मना क्यों किया ? क्यों नहीं उन देशो
के साथ
मिलकर
इसका हल ढूढना शुरू किया ?
5. जब पूरी दुनिया कोरोना के आतंक से डरी और सहमी है तो चीन के शहर वुहाँन के अतिरिक्त ये चीन के और
किसी
शहर में
क्यों नहीं फैला ? वुहाँन के सबसे नजदीक वाली शहर में भी ये नहीं फैला और पूरी दुनिया में फ़ैल गया ऐसा
कैसे हुआ
?
6. WHO ने ऐसा क्यों कहा की कोरोना इंसान से इंसान में नहीं फैलता, WHO के प्रमुख जनवरी के महीने में
बीजिंग में क्या कर रहे थे ? क्या वो किसी तरह की प्लानिंग कर थे ?
7. WHO ये ट्वीट क्यों करता रहा की ये "इंसान से इंसान में नहीं फैलता और इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए कोई
गाइडलाइन्स
जारी करने की जरूरत नहीं "? और ये तो अब पूरी दुनिया देख रही है की ये इंसान से इंसान में फैलता है , तो WHO
ने
झूठ क्यों बोलै क्या वो किसी जल्दी में थे जो बिना किसी प्रमाण के बोल दिया ?
8. वुहाँन जैसे हाई रिस्क और सबसे ज्यादा इन्फेक्टेड वाले शहर से लाखो लोगो को दुनिया के अलग अलग हिस्सों में
क्यों
भेज दिया ? क्या ये कोई चीन की सोची समझी चाल थी ?
9. अगर हम इटली की बात करें तो इटली में फरवरी 2020 में बहुत ही कम कोरोना केसेस थे | अचानक से वह चीनी लोग "हम
वायरस नहीं चीनी है हमें गले लगाइये " ऐसा पोस्टर लेकर इटली के लोगो से हमदर्दी क्यों दिखाने लगे ?
आज इटली की हालत क्या है ये सबको पता है | वहां पर हज़ारो लोग रोज़ मर रहें हैं |
10. कोरोना की सच्चाई बाहर लाने वाले डॉक्टर और पत्रकार का क्या हुआ ? उसके बारे में किसी को पता क्यों नहीं चल
रहा है ?
11. दुनिया के सभी देश जब WHO और चीन को संदेह की नज़र से देख थे तभी अचानक से चीन और WHO भारत की चाटुकारिता
क्यों करने लगे ? ये दिखाता है की दाल में कुछ तो काला है या आप बताईये पूरी की पूरी दाल ही काली है ?
और तभी उसके अगले दिन चीनी राजदूत ( भारत के ) ये ट्वीट करतें हैं की भारत इंटरनेशनल फोरम में चीन की मदद करेगा
| चीनी राजदूत को ऐसा ट्वीट क्यों करना पड़ा ?
कोई कुछ भी कहे इस चीनी वायरस के समय में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का कद तो बढ़ा है और ये कोई
मामूली बात नहीं है | आज G-२० और सार्क जैसे इंटरनेशनल फोरम की कमान भी नरेंद्र मोदी के हाथो में है ऐसा कहना भी
गलत नहीं होगा | आज के समय में जब यूरोप और बाकि सभी देशो में कोरोना ने हाहाकार मज़ा रखा है और कोरोना की लड़ाई
में असफल हैं तो भारत इन देशो के मुकाबले कहीं अच्छे से कोरोना को डील कर रहा है | चीन ने भारत की ऐसी कामयाबी
को देख कर भारत से इंटरनेशनल फोरम में मदद की उम्मीद की थी | लेकिन भारत ऐसी गलती नहीं करेगा चीन को उसके किये
की
कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी |
1. सबसे पहले चीन ने अपने लैब में एक वायरस बनायीं और साथ ही साथ उसक एंटीडोड भी तैयार किया |
2. फिर वायरस से पूरी दुनिया में संक्रमण फैलाया |
3. अपनी कार्यकुशलता और टेक्नोलॉजी की मदद से रातो रात ( और पहले से भी ) अस्पतालों और टेस्टिंग हाउसेस का
निर्माण कराया ऐसा इसलिए क्यों की वो इसके प्रभाव को जानते थे |
4. Health से सम्बंधित सभी चीजों का निर्माण रातो रात करवाया और अपने स्टॉक भरे और फिर पूरी दुनिया में
बेचने
लगा
|
5. कोरोना की वजह से जब पूरी दुनिया में डर और भय का मौहाल बनने लगा और जब लोग पैनिक होने लगे तब चीन ने
अपनी
पहले से बनायीं योजना के अनुसार देशो को अपनी बनाई सामग्रियां बेचने लगा और मोटा मुनाफा कमाने लगा जैसा की
चीन
ने प्लान किया था |
6. दुनिया के सभी देशो की अर्थव्यवस्था गिरने लगी और कंपनियों के शेयर्स गिरने लगे तो उनके शेयर्स भी चीन
खरीदने
लगा और उन कंपनियों का मालिक बनना चाहा |
चीन ने अपने देश इस कोरोना की महामारी को रातों रात ही कंट्रोल कर लिया | वुहाँन से रातों रात ही कोरोना के
मरीज
गायब होने लगे | आखिर ये सब कैसे हुआ ? जब दुनिया के इतने विकसित देश जिनकी दक्षता है हेल्थ में वो भी इस
कोरोना
से अपने देश को बचा नहीं पाए और लाखो लोगो की जाने चली गयीं | और चीन ने रातों रात ही सब कुछ सही कर लिया
क्यों
की वो जानते थे और पहले से तैयार थे।
अब इस समय उन सभी चीजों के दाम कम हो गए जो इंटरनेशनल मार्केट में पहले बहुत महंगे थे जैसे की तेल। अब जैसे
ही
ऐसा हुआ चीन ने फिर से अपने देश में चीजों के प्रोडक्शन में जुट गया , जब पूरी दुनिया ठप थी सारे कारखाने
बंद थे
उस समाया चीनी कम्पनीज में काम सुरु हो गया | चीन दुनिया की सस्ती हुई चीजों को खरीदने लगा और अपने स्टॉक को
भरने लगा साथ ही साथ उन सभी चीजों को दूसरे देशो में बेचने लगा जिनके दामों में बृद्धि हुई थी |
अगर आपको अब भी विश्वास नहीं होता तो आपको ये किताब जरूर पढ़ना चाहिए। Unrestricted Warfare एक किताब है
जो की
1999 में मिलिट्री स्ट्रेटेजी पर लिखी गयी है इसके लेखक हैं किआओ लियांग और वांग जियांगसुई। इसमें ये
बताया गया
है की एक देश जैसे की चीन अपने से बड़े और टेक्नोलॉजिकली मज़बूत देशों को कैसे हरा सकता है |
अगर हम चीन से पूछे तो चीन यही कहेगा की उसने बहुत कठोरता से लोकडाउन का पालन किया और उन्होंने शुरुआत में
बहुत सख्ती दिखाई और वुहाँन को पूरी तरीके से बंद कर दिया और बाकी जगह को इन्फेक्शन से बचा लिया | लेकिन
सोचने वाली बात ये है की क्या यह इतना आसान था क्यों की बाकी सभी देशो ने भी यही किया और जब चीन ने वुहाँन
को
पूरी तरीके से बंद कर ही दिया था तो ये वायरस दुनिया में कैसे फ़ैल गया | और चीन में वुहाँन के अलावा किसी और
जगह क्यू नहीं फैला और अगर ये दुनिया में फ़ैल भी गया तो ये किसी एक देश में क्यू नहीं सिमट गया क्यों यह
पुरे विश्व में फ़ैल गया मतलब साफ़ है चीन ने इसके एंटीवायरस का प्रयोग करके अपने देश को तो बचा लिया और पुरे
विश्व को वायरस के चपेट में झोंक दिया।
चीन के बीजिंग में इसका इन्फेक्शन क्यू नहीं हुआ वुहाँन तक ही क्यू रहा ? इसका जबाब तो चीन ही दे सकता है
लेकिन अब वुहाँन भी अब पहले की तरह ही चल रहा है वहाँ अब बजार खुल रहे हैं और चीन भी मज़े में है।
दुनिया के बाकि सभी देश कोरोना की वजह से अब भी लॉकडाउन में हैं और अपनी इकोनॉमी को गिरते हुए बस देखे जा
रहे हैं। ऐसा लगता है की अब बहुत जल्दी ही अमेरिका भी अपनी इकोनॉमी वाली कुर्सी गवा देगा और उस पर चीन का
कब्ज़ा हो जायेगा।
तो यही तो था चीन का विक्ट्री फार्मूला। एक ऐसा वायरस बनाना और बाकी देशों को घुटनो पर ला देना।
आपको याद होगा जब चीन के प्रेजिडेंट शिं जिनपिंग ने कोरोना प्रभावित इलाकों का दौरा किया था तो वह साधारण से
पोसाक में केवल फेस मास्क में थे। वो प्रेजिडेंट हैं और इस लिहाज़ से तो उन्हें पूरी बॉडी कवर करके
एस्ट्रोनॉट की तरह जाना चाहिए था , लेकिन ऐसा तो हुआ ही नहीं था क्यू की ये हो सकता है की उन्हें एन्टीडोड
पहले ही दे दिया गया हो और उनको इस वायरस से कोई खतरा ही न हो।
अगर आप ये कहेंगे की बिल गेट्स ने तो बहुत पहले 2015 में ही एक भविष्वाणी की थी कोरोना जैसी महामारी का तो ये तो
सच हो नहीं सकता की ये चीन की चाल हो।
हाँ बिलगेट्स ने भविष्वाणी की थी लेकिन बिलगेट्स ने जो भविष्वाणी की थी उसने उन्होंने प्राकृतिक वायरस की बातें
की थी न की मानव निर्मित।
चीन ऐसी बात तो आधार बना कर ये बोल रहा है की ये तो अनुमान था ही और कुछ भविष्वाणी तो सच हो ही जाती हैं और चीन
ये बोल सके की ये प्राकृतिक है।
चीन की अब चल यही होगी की वो अब हर देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था का जम कर फायदा उठाया जाये और सभी देशो के
कम्पनीज के शेयर्स और स्टॉक्स को खरीद कर उन सभी को लोन देकर अपने आधीन किया जाये ।
और जब चीन ये सब कुछ कर लेगा तो अचानक से खबर आएगी की चीन ने कोरोना का एन्टीडोड बना लिया है और चीन इसे
मुँह मांगे कीमत पर बेच कर दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी और पावरफुल देश बन जायेगा।